बुखार के मरीजों को भी दिखाया जा रहा जिला अस्पताल का दरवाजा
हरपालपुर/ हरदोई।स्थानीय कस्बे में इन दिनों वायरल फीवर मलेरिया टाइफाइड डेंगू जैसा बुखार पैर पसार रहा है वही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बुखार के भी मरीजों का संचित इलाज नहीं हो पा रहा है। यह पर बुखार से पीड़ित मरीजों को भी जिला अस्पताल के लिए डॉक्टरों के द्वारा रिफर किया जा रहा है। वही डेंगू से पीड़ित महिला के पति ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर कर्मचारियों पर इलाज न करने का आरोप लगाया है।
हरपालपुर कस्बा निवासी सुनील मिश्रा की पत्नी सुनीता मिश्रा कई दिनों से बुखार से पीड़ित थी, जो कि बुखार से पीड़ित महिला का पति उन्हें पीएचसी हरपालपुर मैं इलाज के लिए ले गया तो वहां पर तैनात चिकित्सा अधीक्षक डॉ राणा प्रताप से मरीज को देखने की बात कही तो डॉक्टर ने मरीज को देखते हुए हाथ में कलम उठा कर बाहर से दवाइयां लिखना चालू कर दिया। महिला का पति दवाइयां लेकर सीएचसी पर आया तो उसने अपनी पत्नी को ग्लूकोस की बोतल लगाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों 2 अक्टूबर की छुट्टी का हवाला देते हुए बोतल लगाने से मना कर दिया, महिला का पति घर ले आया और प्राइवेट चिकित्सक से इलाज करवाया, जहां पर प्राइवेट पैथोलॉजी के माध्यम से खून की जांच कराई। जहां पर महिला डेंगू पॉजिटिव पाई गई, जांच के बाद महिला का पति सुनील मिश्रा डेंगू से पीड़ित अपनी पत्नी को सीएचसी हरपालपुर ले गए तब उन्हें डॉक्टर के द्वारा जिला अस्पताल के लिए रिफर कर दिया गया। सवाल तो तब खड़ा होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग के लिए लाखों रुपए का बजट खर्च कर रही है लेकिन हरपालपुर की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का रवैया ठीक होने का नाम नहीं ले रहा है जबकि डेंगू से पीड़ित मरीजों के लिए डेंगू वार्ड भी बनाया गया लेकिन जिला अस्पताल रेफर करने का डॉक्टरों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।