हरदोई।शिक्षकों का शारीरिक रूप से स्वस्थ होना अत्यावश्यक है। स्वस्थ शिक्षक ही विद्यार्थियों को संस्कारवान व चरित्रवान बना सकते हैं।
शहीद उद्यान स्थित कायाकल्प केन्द्रम् में ‘शिक्षक दिवस’ पर शिक्षकों व उनके परिजनों के लिए लगाये गये निःशुल्क ‘स्वास्थ्य रक्षा शिविर’ में केन्द्र के संस्थापक व सीनियर नेचरोपैथ डॉ राजेश मिश्र ने बताया कि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता व समाज के पथ-प्रदर्शक होते हैं। यदि उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे तो वे निःसंदेह बच्चों के निर्माण में अधिक रुचि लेंगे। कहा वर्तमान समय में विद्यालय खुलने का समय प्रातः ८ से दोपहर २ बजे तक है। इसलिए शिक्षकों को सुबह घर से जल्दी निकलना पड़ता है और दोपहर को घर आने में देर हो जाती है ऐसे में उनका नाश्ता और दोपहर का भोजन समय से नहीं हो पाता। दोपहर का भोजन दो-तीन बजे के आसपास करने से रात्रि का भोजन भी देर से करना पड़ता है। जिससे उनकी सेहत प्रभावित होती है।
नेचरोपैथ डॉ राजेश मिश्र ने कहा, शिक्षकों के प्रति उनके मन में अगाध श्रद्धा है, इसीलिए वे प्रत्येक वर्ष शिक्षकों के लिए नि:शुल्क शिविर आयोजित करते हैं। उन्होंने शिक्षकों को बताया कि वे अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नित्य नियमित समय पर सोयें-जागें, खायें-पियें और व्यायाम करें। बताया स्वास्थ्य रक्षा में वैज्ञानिक विधि से पकाये गये भोजन की बड़ी भूमिका है। ऐसा भोजन ग्रहण करने से उनका और उनके परिजनों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और वे अपनी भूमिका का निर्वहन अच्छी तरह से कर सकेंगे।डॉ० मिश्र की टीम के सदस्यों डॉ० श्रुति दिलीरे, डॉ० नीतू गुप्ता, दीपाली व अभिषेक पाण्डेय ने शिक्षकों व उनके परिजनों को रोगानुसार प्राकृतिक उपचार दिया। शिविर में नन्द किशोर ‘सागर’, नागेश चन्द्र दीक्षित, शुभम सिंह, नन्द किशोर गुप्ता, सोनू गुप्ता, कावेरी वर्मा सहित कई लोग लाभान्वित हुए।