कर्बला हो गई तैयार खुदा खैर करे
बिलगा्म(हरदोई) इस्लामी तारीख में मोहर्रम का महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है ये महीना अपने अंदर कई महत्वपूर्ण घटनाएं समेटे हुए हैं इसी महीने में पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के प्यारे नवासे हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को उनके 72 साथियो के साथ यजीद के हुक्म द्वारा शहीद कर दिया गया था यजीद चाहता था कि इमाम हुसैन उसकी बादशाहत को कुबूल करले मगर इमाम ने ये कहकर इनकार कर दिया की मै बद किरदार के हाथ में अपना हाथ नहीं दूंगा इमाम के इनकार से यजीदी जंग पर आमादा हो गये और इमाम को साथियों के साथ शहीद कर दिया गया। उन्हीं की याद में बिलग्राम में सफेद ताजिया इमामबारगाह में छह मोहर्रम को जंजीरे का का जुलूस निकाला जाता है जो इस बार कोविड 19 की वजह से नहीं निकाला गया
प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार सभी प्रोग्राम इमामबारगाह के अंदर ही करायेे जा रहेे हैैं। प्रोग्राम में खास तौर पर यासिर हुसैन वास्ती- सैयद आसिम हुसैन वास्ती- गुफरान हुसैन -मो० अमिर- खालिद अली- वाजिद हुसैन वलीउल्ला आदि उपस्थित रहे