हरदोई।सुभासपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील अर्कवंशी ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि भाजपा की केंन्द्र सरकार की रोहिणी आयोग व उत्तर प्रदेश सरकार की सामाजिक न्याय समिति अति पिछड़ो को गुमराह कर वोट लेने की महत्वाकांक्षी योजना है,जबकि गरीब सवर्णो को 72 घंटे में आरक्षण ,फिर अति पिछड़ों के आरक्षण के लिए 3 साल 3 महीनों से सिर्फ तारीख पर तारीख क्यों?
ओबीसी की केंद्रीय सूची को बांटने के मकसद से जस्टिस जी.रोहिणी की अध्यक्षता में रोहिणी आयोग का गठन किया गया । ठीक 3 साल 3 महीना पहले 11 अक्टूबर 2017 को अपना काम शुरू किया था। सरकार ने आयोग के गठन के दिन कहा था कि रोहिणी आयोग की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद केंद्र सरकार ओबीसी के सभी वर्गों को केंद्र सरकार की नौकरियों और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लाभ के समान वितरण के लिए प्रकिया शुरू करेगी।इससे साफ हो गया है केन्द्र सरकार की मंशा साफ नहीं है । क्या बीजेपी सरकार इस रिपोर्ट को लागू करने के लिए गंभीर है? केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने 24 जून 2020 को कहा था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आयोग का कार्यकाल 31 जनवरी 2021 तक बढ़ाया है । अति पिछड़ों को धोखा केंद्र व प्रदेश सरकार मार्च 2018 तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। 1992 में इंदिरा साहनी मामले मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 9 राज्यों में वर्गीकरण का काम कर लिया गया है । अति पिछड़ों के साथ बीजेपी भारतीय झूठ पार्टी धोखा देने का काम कर रही है । ठीक उसी प्रकार सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट 30 मई 2018 से रद्दी की टोकरी में रखकर आज तक अतिपिछड़ों को धोखा देने का काम बीजेपी भारतीय झुूठ पार्टी कर रही है।महामहिम को सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से भेजे गए ज्ञापनश के समय प्रदेश अध्यक्ष सुभासपा सुनील अर्कवंशी समेत कई लोग उपस्थित रहे।
