बिलग्राम,हरदोई।सरकार ने भले ही प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का कार्ड लोगों को थमा कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का दावा कर रही हो, लेकिन हकीकत में अभी भी गरीबों को बीमार पड़ने पर इलाज और जांच के लिए खाने का राशन बेचना पड़ रहा है। आज भी झोलाछाप डाक्टर जांच कर रहे अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी लैब संचालक, गरीबों का खून चूस रहे हैं। कमीशन के चक्कर में छोटे मोटे दर्द पर भी अल्ट्रासाउंड जरूरी करार देकर उनके घरों में मौजूद खाने का राशन बिकवाते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ न सरकार कुछ कर रही है और न ही जिला प्रशासन। स्वास्थ्य विभाग के ढुलमुल रवैये के कारण क्षेत्र में न जाने कितने अवैध लैब अल्ट्रासाउंड सेंटर और फर्जी डाक्टर फलफूल रहे हैं। जिसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा है। ताजा मामला बिलग्राम के मोहल्ला मैदानपुरा का है जहां शिवरानी नाम की बुजुर्ग महिला को पेट में दर्द की शिकायत हुई उसने मोहल्ले के ही अंजिल नाम के झोलाछाप डाक्टर को दिखाया उसने बुजुर्ग महिला को बरगलाया और फौरन ही अल्ट्रासाउंड के लिए कह दिया जिसके बाद महिला ने अल्ट्रासाउंड कराने के लिए खाने का राशन बेच दिया तब जाकर वो पांच सौ रुपये जुटा पायी। जब जांच कराकर रिपोर्ट के साथ महिला स्वास्थ्य केंद्र बिलग्राम पहुची तो पता चला की रिपोर्ट में कुछ नहीं आया है। कुछ आया नहीं ये तो अच्छी बात है लेकिन जांच के नाम पर बुजुर्ग महिला से पांच सौ रुपये लेकर अल्ट्रासाउंड संचालक और झोलाछाप डाक्टर ने तो शायद अपनी जेब भर ली लेकिन बुजुर्ग महिला का चूल्हा पता नहीं कितने दिन बुझा रहेगा और कितने दिन वो भूखी रहेगी इसका पता नहीं।
